वह परम पिता चाहता है कि हम दुनियां की मोह माया से मुक्त हो कर आत्म को परमात्मा मे निरूपित कर दे. आत्मा का परमात्मा से मेल ही जीवात्मा का परम लक्ष्य है. इस लक्ष्य की दिया [...]
Read More »कोजागरा व्रत लक्ष्मी पूजा के नाम से भी जाना जाता है (Ashwin Shukla Poornima Laxmi Pooja Kojagra Vrat). आश्विन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को यह व्रत होता है. चांद तो यूं [...]
Read More »भगवती दुर्गा के जिन न रूपों की हम पूजा करते चले आ रहे थे आज का दिन महादेवियों की विदाई का है. इस तिथि को देवी पृथ्वी लोक से अपने धाम को चली जाती हैं यही कारण है कि इस तिथ[...]
Read More »शेरावाली दुर्गा मईया जगत के कल्याण हेतु न रूपों में प्रकट हुई और इन न रूपों में अंतिम रूप है देवी सिद्धिदात्री (Sidhhidatri) का. यह देवी प्रसन्न होने पर सम्पूर्ण जगत की र[...]
Read More »देवी दुर्गा के न रूपों में महागरी आठवीं हैं. दुर्गा सप्तशती (Durga Saptsati) में शुभ निशुम्भ से पराजित होकर गंगा के तट पर जिस देवी की प्रार्थना देवतागण कर रहे थे वह महागर[...]
Read More »दुर्गा सप्तशती के प्रधानिक रहस्य में बताया गया है कि जब देवी ने इस सृष्टि का निर्माण शुरू किया और ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश का प्रकटीकरण हुआ उसस पहले देवी ने अपने स्वरूप स[...]
Read More »मधु कैटभ नामक महापराक्रमी असुर से जीवन की रक्षा हेतु भगवान विष्णु को निद्रा से जगाने के लिए ब्रह्मा जी ने इसी मंत्र से मां की स्तुति की थी. यह देवी कालरात्रि ही महामाया ह[...]
Read More »भगवान स्कन्द की माता होने के कारण देवी स्कन्द माता के नाम से जानी जाती हैं. दुर्गा पूजा के पांचवे दिन देवताओं के सेनापति कुमार कार्तिकेय की माता की पूजा होती है. कुमार का[...]
Read More »मां दुर्गा के नव रूपों में चथा रूप है कुष्मांडा देवी का (Durga Devi Chaturth Roop Devi Kushmanda). दुर्गा पूजा के चथे दिन हमें इसी देवी की उपासना करनी चाहिए.
Read More »पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकै र्युता. प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता.. यह देवी चन्द्रघंटा का ध्यान मंत्र है. दुर्गा पूजा के तीसरे दिन आदिशक्ति दुर्गा के त[...]
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